रविवार, 20 सितंबर 2020

गुजरात से भारत

गुजरात से भारत  

नज़ीब को ढूढो मोदी जी 






नज़ीब कहाँ गया ?
अमितशाह जी !
मोदी जी !
ढूढ़िये इस नौजवान को !
वह भी किसी माँ का लाल है /
अमितशाह जी !
अपने बेटे जय शाह को स्मरण करिये।
यदि उसे कुछ हो जाए !
इसलिए की आप मुल्क के
गृहमंत्री हैं।
और इसलिए भी की आपको बेटा है
गांव में कहावत है
निरबसियो को हृदय नहीं होता.
हृदय हीन सत्ता नहीं समझ पाती है
आम आदमी का दर्द और
जुगलों मैं उड़ा देती है आम आदमी का दर्द
ठग और राजा होने में जो फर्क होता है
वह दिखाई नहीं दे रहा है
नजीब कहां गया अब तो सुनाई नहीं दे रहा है
जिनको जिनको लिंचिंग ने मार डाला
और भक्त उन मौतों पर जश्न मनाते रहे
क्या सत्ता ने उन्हें पहचाना .
धर्मनिरपेक्ष देश की सत्ता तुम्हारे हाथ में
तुमने तमाम लोगों को विधर्मी बनाकर मारा
वह घंटी बजा रहे थे ताली बजा रहे थे थाली बजा रहे थे
उनको कानून लाकर मारा
कौन कहता है किसान है तुम्हारा
तुम्हारी नजर देश के किसानों उपज पर ही नहीं
उसकी जमीन पर भी है.










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