अभिषेक सिंह,
पूर्व अध्यक्ष, मुलायम सिंह यादव, यूथ ब्रिगेड-
भावनाओं का बलात्कार हुवा है ,इस हार से दुखी हूँ, दिनरात निःस्वार्थ पार्टी के लिए एक छोटे से कार्यकर्ता की हैशियत से पार्टी के लिए मोबाइल और लैपटॉप पे आँखे फोड़ी है मोहल्ले ,दोस्तों और मोदी भक्तो से गालिया खायी है, इसलिए आज लिखने पे मजबूर हूँ ,कोई ज्ञान नहीं बांटेगा..........
प्रिय अखिलेश भैया पार्टी के पक्ष में कोई भी राजनितिक पोस्ट नहीं आएगी जब तक आप सड़क पे नहीं दिखोगे ,और लखैरा टाइप के लौंडो को पार्टी कार्यलय से लात मार कर बाहर नहीं करोगे ,अपने सलाहकार बदल दीजिये ,आपने जिन जिन को पार्टी में जिम्मेदारी दिया था ये छेत्र में या तो जाते नहीं थे और अगर जाते भी थे तो सिर्फ उसके यंहा जिसका पार्टी कार्यलय में भौकाल होता था या उनके यंहा जाते थे जिनको ये जानते थे , जिनकी छवि खुद गाँव मोहल्ले में स्वजातीय लोगो को तंग करने की रही हो ,हालांकि मै इस बात पे घमंड करता हूँ कि मैंने आज तक न आपके साथ सेल्फी लेने की कोशिश किया न प्रदीप ,सुनील साजन,दिग्विजय ऐबाद जैसे भैया लोगो से पद के लिए सम्पर्क किया ,आपके मुर्गे कभी अंडा नहीं देंगे इनका आमजनमानस से दूर दूर तक कोई लगाव नहीं था ,पार्टी का उमीदवार का कनेक्शन वोट दिलाने वाले फर्जी ठेकेदारों से था मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं से तो था ही नहीं !! और आप कृपया सादगी वाला चोला उतार ही लीजिये अगर आप मुख्तार अंसारी को पार्टी में नहीं ले सकते तो उनको चुनाव में जिताने की अपील क्यों करते रहे ?? राजनीति में इतना सभ्यता और नैतिकता उस दौर में नहीं चल सकती जिस दौर में गांधी को भला बुरा कहने वाले चुनाव में जीत दर्ज करते हो | मुझे राजेंद्र चौधरी ,नरेश उत्तम पटेल ,तथाकथित ज्ञानी राय साब ,डिजिटल फाॅर्स , और २-३ प्रवक्ताओं को छोड़कर बांकी के प्रवक्ताओं के फायदे भी जानना है | आज गली गली लड्डू बंट रहा था भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ लेकिन यही जीत अगर समाजवादी पार्टी के किसी नेता की होती तो वो सिर्फ अपने छुट भय्ये नेता के साथ जश्न मना रहा होता ,आपकी हार उस दिन हो गयी थी जब आपने मोदी जी को बनारस में वॉकओवर दिया था | आप पार्टी कार्यलय से बाहर निकलकर खुद संगठन देखिये क्योंकि पार्टी संगठन का काम तो शिवपाल चाचा जी के जाने के बाद किसी ने देखा ही नहीं ,साइकिल यात्रा की बजाय अगर कुर्बान गैंग अपने मोहल्ले के लोगो से टच रहते तो बूथ पर १०-२० वोट बढ़ते | आज तक पार्टी के नेताओं को रैली में टेंट कुर्सी की ब्यवस्था के आलावा कोई काम ही नहीं बांटा गया , ये जो वोट मिल रहे हैं वो नेताजी ,माननीय कांशीराम के पसीने से पैदा हुए नमक की वजह से मिल रहे हैं| अब जब सब कुछ खत्म हो चूका है तो तो कुछ बदलाव कीजिये प्रदेश संगठन ,अपने सलाहकार , ढर्रा , तो तुरंत बदलाव मांग रहे हैं ,छोटी मुँह बड़ी बात आप में एक बहुत बड़ी कमी है उस कमी का नाम ओवर कॉन्फिडेंस अगर आपको कोई मेहनती कार्यकर्त्ता कोई सलाह देता है तो आप ऐसा शो करते थे जैसे आपको सब मालूम हो इसकी वजह थी आपके अगल -बगल के फर्जी नेता ,उनकी हर बात आप सुनते रहे लेकिन वो नहीं सुना जो बहुत जरूरी था ,जंहा आपके अगल बगल चंद्रशेखर भीम आर्मी वाले युथलीडर को होना चाहिए था वंहा आपके साथ एमएलसी वाले भैया लोग थे जिन्होंने नेताजी की २०१२ वाली जीत की बहती गंगा में हाँथ धोये लेकिन १०० नए वोट न पैदा कर पाए ना किसी को जोड़ पाए बस जुगाड़ वाले नए नए लौंडो को गुड़ की तरह पद बांटते रहे भगा दीजिये ऐसे लोगो या तो इनसे काम लीजिये ,ऐसा नहीं है की लोगो को जोड़ा नहीं जा सकता ,आत्म मंथन कीजिये बदलाव कीजिये वही कीजिये जो सही हो ,सही तब होगा जब आप चाह लेंगे, सलाहकारों द्वारा पार्टी को चलाना सबसे बड़ी गलती रही है आपकी ,आपके सलाहकार बेकार और नकारा हैं |
माफ़ी चाहता हूँ ये सब लिखने के लिए लेकिन इतना तो डिजर्व करता हूँ की सच्चाई लिख सकूं जो फील किया।
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