सोमवार, 13 अक्टूबर 2025

2025 अक्टूबर माह में दलित पर हुए अत्याचारों पर बहन मायावती, संघ और मोदी का असली रूप और जिम्मेदारी :

2025 अक्टूबर माह में दलित पर हुए अत्याचारों पर 
बहन मायावती, संघ और मोदी का असली रूप और जिम्मेदारी :

### 2025 अक्टूबर में भारत में दलितों पर हुई प्रमुख घटनाएं: एक क्रमबद्ध विवरण
2025 के अक्टूबर महीने (1 से 13 अक्टूबर तक) में भारत के विभिन्न हिस्सों में दलित समुदाय पर अत्याचार की कई दर्दनाक घटनाएं सामने आई हैं। ये घटनाएं जातिगत हिंसा, भेदभाव, लिंचिंग, आत्महत्या और संस्थागत उत्पीड़न को दर्शाती हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 रिपोर्ट के अनुसार, दलितों के खिलाफ अपराधों में 46% की वृद्धि हुई है, जो इस महीने की घटनाओं को व्यापक संदर्भ देती है। नीचे तिथि अनुसार प्रमुख घटनाओं का क्रम दिया गया है, जो समाचार स्रोतों और सोशल मीडिया (X) पर वायरल वीडियो/पोस्ट्स पर आधारित हैं। ये घटनाएं मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और सुप्रीम कोर्ट स्तर पर हुईं।
#### प्रमुख घटनाओं का तिथि-क्रम
| तिथि       | स्थान/घटना विवरण                                                                 | प्रभावित व्यक्ति/समुदाय | कार्रवाई/परिणाम |
|------------|----------------------------------------------------------------------------------|--------------------------|------------------|
| **1-2 अक्टूबर** | **रायबरेली, उत्तर प्रदेश**: चोरी के संदेह पर एक दलित युवक हरिओम वाल्मीकि (उम्र 20-25 वर्ष) को भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। वीडियो में वह दया की भीख मांगता दिखा और राहुल गांधी का नाम लिया, लेकिन हमलावरों ने कहा "यहां सब बाबा वाले हैं"। हमलावरों ने लाठियों और मुक्कों से हमला किया। | हरिओम वाल्मीकि (दलित) | 5 गिरफ्तार (वैभव सिंह, विपिन मौर्य, सुरेश मौर्य, सहदेव पासी, विजय कुमार)। FIR दर्ज, लेकिन विरोध प्रदर्शन के बाद ही कार्रवाई। |
| **2 अक्टूबर** | **हिमाचल प्रदेश (अनाम गांव)**: एक 12 वर्षीय दलित बालक को राजपूत परिवार के घर में घुसने पर पीटा गया। परिवार ने "शुद्धिकरण" के लिए बकरी की मांग की, जिसके बाद बालक ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। यह जातिगत अपमान का स्पष्ट उदाहरण है। | 12 वर्षीय दलित बालक | पुलिस जांच जारी; स्थानीय स्तर पर आक्रोश, लेकिन कोई गिरफ्तारी की खबर नहीं। |
| **5-6 अक्टूबर** | **सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली**: एक वकील ने दलित CJI बी.आर. गवई पर जूता फेंका और नारा लगाया "सनातन का अपमान नहीं सहेेंगे"। यह RSS विचारधारा से प्रेरित जातिगत हमला था, जो न्यायपालिका पर भी सवाल उठाता है। | CJI बी.आर. गवई (दलित) | वकील गिरफ्तार; सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी निंदा की, लेकिन व्यापक जांच की मांग। |
| **7 अक्टूबर** | **चंडीगढ़, हरियाणा**: 2001 बैच के IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार (SC समुदाय) ने जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और प्रमोशन में आरक्षण न मिलने के कारण आत्महत्या की। 9-पेज के सुसाइड नोट में DGP शत्रुजीत सिंह कपूर समेत 12-16 वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप। पत्नी अमनीत पी. कुमार (IAS) जापान दौरे पर थीं। | वाई. पूरन कुमार (दलित IPS) | FIR दर्ज (IPC 108, SC/ST एक्ट); SIT गठित, रोहतक SP हटाया। NCSC ने नोटिस जारी। |
| **9-10 अक्टूबर** | **राजस्थान (सवाई माधोपुर)**: बुजुर्ग दलित महिला कमला देवी रैगर पर हमला; साथ ही NCRB डेटा पर बहस। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने PM मोदी पर आरोप लगाया कि दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं (46% वृद्धि)। | कमला देवी रैगर (दलित महिला) | राजनीतिक बयानबाजी; कोई विशिष्ट कार्रवाई की खबर नहीं। |
| **10-13 अक्टूबर** | **उत्तर प्रदेश (मैनपुरी, प्रयागराज, अमरोहा)**: 14 वर्षीय दलित लड़की पर गैंग रेप (वीडियो वायरल); प्रयागराज में दलित हिरा लाल की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत; अमरोहा में दलित युवक पर तलवार से हमला (शराब पीने का विरोध)। भिम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने निंदा की। | दलित लड़की, हिरा लाल, युवक | FIR दर्ज; हाईकोर्ट में PIL; विरोध प्रदर्शन। |
#### समग्र विश्लेषण और प्रभाव
- **ट्रेंड**: ये घटनाएं मुख्य रूप से BJP शासित राज्यों (UP, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल) में हुईं, जहां NCRB के अनुसार दलितों पर अपराध सबसे अधिक हैं (UP: 15,130 केस 2023 में)। X पर #DalitVirodhiRSS और #DalitLivesMatter ट्रेंड कर रहे हैं, जहां 40+ हमलों का उल्लेख है। कांग्रेस ने RSS-BJP पर जातिवादी एजेंडे का आरोप लगाया।
- **राजनीतिक प्रतिक्रिया**: मायावती ने UP BJP को सराहा, लेकिन विपक्ष (कांग्रेस, SP) ने निंदा की। तमिलनाडु गवर्नर आर.एन. रवि ने राज्य में दलित अत्याचारों पर चिंता जताई (5 अक्टूबर)।
- **कानूनी पक्ष**: अधिकांश मामलों में SC/ST (Prevention of Atrocities) Act लागू, लेकिन सजा दर मात्र 32%। विशेष अदालतों की कमी और पुलिस पूर्वाग्रह समस्या बढ़ा रहे हैं।
- **सामाजिक प्रभाव**: ये घटनाएं दलित जागरूकता बढ़ा रही हैं, लेकिन भय का माहौल है। CJP रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में जुलाई से अब तक 50+ घटनाएं दर्ज।
ये घटनाएं संवैधानिक समानता पर सवाल उठाती हैं। अधिक जानकारी के लिए NCRB वेबसाइट या स्थानीय पुलिस से संपर्क करें। स्रोत: समाचार (India Today, The Hindu, CJP) और X पोस्ट्स।
वाई पूरन कुमार आईपीएस** (Y. Puran Kumar IPS) का सोसाइटी नॉट क्या है?
आपके प्रश्न में "सोसाईट नॉट" संभवतः suicide note (आत्महत्या नोट) का टाइपो या उच्चारण भेद है। वाई पूरन कुमार (Y. Puran Kumar), 2001 बैच के हरियाणा कैडर IPS अधिकारी (IG/ADGP रैंक), ने 7 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित सरकारी आवास के बेसमेंट में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। उम्र: 52 वर्ष। घटना के समय उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार (IAS, 2001 बैच) जापान में आधिकारिक दौरे पर थीं।
पुलिस ने घटनास्थल से 9 पेज का suicide note बरामद किया, जो मुख्य रूप से हैंडरिटन और टाइप्ड था। यह नोट अंग्रेजी में लिखा गया था, और इसमें उन्होंने अपने हस्ताक्षर (हरी स्याही से) और मृत्यु तिथि (7/10/2025) दर्ज की। नोट की तीन कॉपियां थीं: एक घटनास्थल पर, एक पत्नी को भेजी गई (सुसाइड से कुछ घंटे पहले), और एक करीबी IPS मित्रों को। अंतिम पेज वसीयत (will) का था, जिसमें सभी संपत्ति पत्नी अमनीत को सौंपी गई। नोट को "फाइनल नोट" या "हरियाणा के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को" संबोधित किया गया था।
सुसाइड नोट की प्रमुख सामग्री
प्रमुख आरोप/उल्लेखविवरणनामित अधिकारी (उदाहरण)
जातिगत भेदभाव और अपमानSC अधिकारी होने के कारण प्रमोशन रोका, इंक्रीमेंट न दिए, सार्वजनिक अपमान। रोहतक में फर्जी FIR (6 अक्टूबर 2025) में फंसाने की कोशिश।रोहतक SP नरेंद्र बिजरनिया (जातिवाद, फर्जी FIR का आरोप); पूर्व DGP मनोज यादव (2020 में थाने में पूजा पर विवाद)।
मानसिक उत्पीड़न और नोटिसबार-बार अनावश्यक नोटिस, सरकारी आवास/वाहन छीनना, गलत हलफनामा। नवंबर 2023 में आधिकारिक वाहन जब्त।DGP शत्रुजीत सिंह कपूर (नोटिस भेजकर परेशान, आवास विवाद); 1991-2005 बैच के 7-8 IPS (अवैध प्रमोशन का आरोप)।
प्रशासनिक हस्तक्षेपकम महत्वपूर्ण पदों पर रखा (जैसे सनौरी जेल प्रमुख, हालिया ट्रांसफर 9 दिन पहले)। भ्रष्टाचार के झूठे केस (रिश्वत लेने का आरोप, जो उनके गनमैन ने कबूल किया)।2 IAS अधिकारी (नाम अस्पष्ट, लेकिन पोस्टिंग में दखल); कुल 12-16 नाम (11 सक्रिय पदों पर)।
सकारात्मक उल्लेखकेवल एक अधिकारी को "सच्चा समर्थन" देने के लिए सराहा।राजेश खुल्लर (रिटायर्ड IAS, CM के मुख्य प्रधान सचिव; दो मुलाकातों में मदद)।
व्यक्तिगत दर्द"अब कोई ऑप्शन नहीं बचा... पिछले 5 साल से उत्पीड़न। परिवार की सुरक्षा चिंतित। ईश्वर से प्रार्थना: मेरे प्रति शत्रुता समाप्त हो।"-

  • वसीयत का हिस्सा: अंतिम पेज में सभी संपत्ति (घर, वाहन, बैंक बैलेंस, निवेश) पत्नी अमनीत को हस्तांतरित। बेटियों (दो) का उल्लेख नहीं, जिससे कानूनी विवाद की आशंका।
  • अन्य: नोट में पत्राचार के रिकॉर्ड (सरकारी ईमेल/लेटर्स) का जिक्र। उन्होंने कहा कि वे "सिस्टेमेटिक ह्यूमिलिएशन" झेल रहे थे, और SC/ST आयोग तक शिकायत की थी।
जांच और प्रतिक्रिया
  • FIR: चंडीगढ़ पुलिस ने IPC धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), SC/ST एक्ट धारा 3(1)(r) व 3(5) के तहत केस दर्ज। SIT (6 सदस्यीय) गठित, CFSL टीम ने फोरेंसिक जांच की। पत्नी ने DGP कपूर और SP बिजरनिया के खिलाफ FIR की मांग की।
  • परिवार: अमनीत ने CM नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा, "षड्यंत्र" बताया। बेटी अमेरिका से लौटी। रसोइए ने बताया: सुसाइड से पहले पूरन ने 15 बार पत्नी को कॉल किया (उठाया नहीं), और "डिस्टर्ब मत करना" कहा।
  • सरकारी कदम: रोहतक SP बदला गया। NCSC ने नोटिस जारी। पोस्टमॉर्टम 9 अक्टूबर को वीडियोग्राफी के साथ हुआ।
  • विवाद: नोट ने हरियाणा पुलिस में जातिवाद/भ्रष्टाचार उजागर किया। X पर वायरल वीडियो (रिश्वत केस) से बहस। BJP सरकार ने "व्यक्तिगत कारण" बताया, लेकिन विपक्ष ने सिस्टम की नाकामी पर सवाल उठाए।
x
नोट के पहले 8 पेजों में उन्होंने अगस्त 2020 से अक्टूबर 2025 तक के उत्पीड़न का सिलसिलेवार विवरण दिया। मुख्य थीम: जातिगत भेदभाव (SC/ST एक्ट के तहत), मानसिक प्रताड़ना, प्रमोशन में देरी, गलत ACR (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट), अनियमित पोस्टिंग, और भ्रष्टाचार में फंसाने की साजिश। उन्होंने 12-16 वरिष्ठ IAS/IPS अधिकारियों के नाम लिए (जिनमें 8 IPS, 2 IAS, और कुछ रिटायर्ड शामिल), जिन्हें जिम्मेदार ठहराया। कुछ अधिकारियों को मदद के लिए सराहा भी।
नोट की पूरी कॉपी सार्वजनिक नहीं है (पुलिस जांच के कारण), लेकिन ऊपर सार सार्वजनिक स्रोतों से लिया गया। यह घटना नौकरशाही में SC अधिकारियों के संघर्ष को रेखांकित करती है। अधिक जानकारी के लिए चंडीगढ़ पुलिस या आधिकारिक स्रोत देखें।
"सोसाईट नॉट" शायद **suicide note** (आत्महत्या नोट) का टाइपो या उच्चारण भेद हो सकता है, क्योंकि इस घटना में 9-पेज का suicide note प्रमुखता से चर्चा में है। नीचे इसकी विस्तृत जानकारी दी गई है। जानकारी समाचार स्रोतों पर आधारित है।
#### पृष्ठभूमि
- **नाम और पद**: वाई पूरन कुमार (Y. Puran Kumar), 2001 बैच के IPS अधिकारी, हरियाणा कैडर। वे ADGP (अतिरिक्त निदेशक महानिदेशक) रैंक के थे। हाल ही में उन्हें सनौरी जेल (जहां गुरमीत राम रहीम बंद हैं) का प्रमुख बनाया गया था।
- **परिवार**: पत्नी - अमनीत पी. कुमार (Amneet P. Kumar), 2001 बैच IAS अधिकारी, हरियाणा कैडर। वे वर्तमान में हरियाणा सरकार में सिविल एविएशन, महिला एवं बाल विकास विभाग की कमिश्नर व सेक्रेटरी हैं। दंपति की दो बेटियां हैं।
- **घटना**: 7 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित सरकारी आवास के बेसमेंट में उन्होंने खुद को गोली मार ली। उम्र: 52 वर्ष। मृत्यु के समय पत्नी जापान में सीएम नायब सिंह सैनी के साथ आधिकारिक दौरे पर थीं।
#### सुसाइड नोट (Suicide Note) का विवरण
- **लंबाई और सामग्री**: 9-पेज का handwritten note, जो चंडीगढ़ पुलिस को साइट से मिला (एक पेज उनकी जेब से)। इसमें उन्होंने **12-16 वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारियों** को नाम लेकर जिम्मेदार ठहराया, जिन्होंने कथित रूप से उन्हें मानसिक उत्पीड़न, जातिगत भेदभाव (SC/ST एक्ट के तहत), अनियमित प्रमोशन, गलत ACR (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट), और प्रशासनिक हस्तक्षेप किया।
  - **मुख्य आरोप**:
    - **DGP शत्रुजीत सिंह कपूर**: बार-बार अनावश्यक नोटिस जारी कर उत्पीड़न, सरकारी आवास आवंटन में भेदभाव, गलत हलफनामा देकर घर आवंटन रोका, और नवंबर 2023 में आधिकारिक वाहन छीन लिया।
    - **रोहतक SP नरेंद्र बिजरनिया**: जातिगत भेदभाव, सार्वजनिक अपमान, और हालिया फर्जी FIR (6 अक्टूबर 2025) में फंसाने की साजिश।
    - अन्य: 7-8 IPS और 2 IAS अधिकारी, जिनमें 1991, 1996, 1997, 2005 बैच के अधिकारियों के अवैध प्रमोशन का आरोप। SC अधिकारियों के प्रमोशन में देरी और इंक्रीमेंट न देने का दावा।
  - **सकारात्मक उल्लेख**: केवल एक अधिकारी, राजेश खुल्लर (मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव, रिटायर्ड IAS), को उन्होंने "सच्चा समर्थन" देने के लिए सराहा। कहा कि खुल्लर ने दो बार मुलाकात में नोट्स डिक्टेट कर मदद की।
- **अन्य विवरण**: नोट में उन्होंने अपनी जिंदगी के संघर्ष, विभाग में जातिवाद, और "सिस्टेमेटिक ह्यूमिलिएशन" का जिक्र किया। यह नोट कुछ करीबी IPS मित्रों और पत्नी को भेजा गया था।
#### विल (Will) का विवरण
- नोट का एक पेज **विल (will)** के रूप में था, जिसमें उन्होंने **सभी संपत्ति (assets)** को पत्नी अमनीत पी. कुमार को हस्तांतरित कर दिया।
- **संपत्ति (Assets) के बारे में**: सार्वजनिक रूप से कोई सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। IPS अधिकारियों की संपत्ति में आमतौर पर सरकारी आवास, वाहन, बैंक बैलेंस, और कुछ व्यक्तिगत निवेश (जैसे म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी) शामिल होते हैं। लेकिन कुल मूल्य या नेट वर्थ (net worth) का कोई आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है।
  - **विरासत का विवाद**: समाचारों में सवाल उठा है कि संपत्ति का असली हकदार पत्नी हैं या बेटियां? विल में स्पष्ट रूप से पत्नी को ही सब कुछ सौंपा गया है, लेकिन परिवारिक कानून (हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम) के तहत बेटियां भी दावा कर सकती हैं। पत्नी ने FIR की मांग की है, लेकिन संपत्ति विवाद अभी उभर रहा है।
  - **अमनीत पी. कुमार की संपत्ति**: IAS अधिकारियों के लिए वार्षिक संपत्ति घोषणा अनिवार्य है, लेकिन सार्वजनिक डोमेन में कोई विशिष्ट आंकड़े नहीं मिले। अनुमानित रूप से, सीनियर IAS की नेट वर्थ ₹1-5 करोड़ तक हो सकती है (सैलरी, पर्क्स, निवेश पर आधारित), लेकिन पुष्टि नहीं।
#### जांच और प्रतिक्रिया
- **FIR**: चंडीगढ़ पुलिस ने IPC की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), SC/ST एक्ट की धारा 3(1)(r) और 3(5) के तहत FIR दर्ज की। SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) गठित, जिसमें 6 सदस्य हैं। NCSC (नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट्स) ने भी नोटिस जारी किया।
- **परिवार की मांग**: पत्नी अमनीत ने CM नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर DGP और SP के खिलाफ FIR और गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि यह "षड्यंत्र" था।
- **सरकारी कदम**: रोहतक SP बदला गया। CM ने जांच के निर्देश दिए।
यह घटना हरियाणा पुलिस विभाग में जातिवाद और उत्पीड़न के गंभीर मुद्दों को उजागर कर रही है। यदि आप suicide note की कॉपी या अधिक डिटेल चाहें, तो आधिकारिक स्रोत (जैसे चंडीगढ़ पुलिस) से संपर्क करें। स्रोत: इंडिया टुडे, टाइम्स ऑफ इंडिया, एशियनेट न्यूज।
 मायावती जी के भाषण में अक्टूबर 2025 की दलित अत्याचार घटनाओं का उल्लेख :
नहीं, बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जी ने **9 अक्टूबर 2025** को लखनऊ के कांशी राम स्मारक स्थल पर आयोजित **कांशी राम के 19वें परिनिर्वाण दिवस** की महारैली में 

अक्टूबर 2025 (1 से 9 अक्टूबर तक) में हुए विशिष्ट दलित अत्याचारों या हमलों 
(जैसे रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की लिंचिंग, 
हिमाचल प्रदेश में दलित बालक की आत्महत्या, 
सुप्रीम कोर्ट में CJI बी.आर. गवई पर हमला, या 
वाई. पूरन कुमार IPS की आत्महत्या) 
का कोई सीधा या स्पष्ट उल्लेख नहीं किया। 


रैली का फोकस मुख्य रूप से **कांशी राम की विरासत, BSP की संगठनात्मक मजबूती, 2027 यूपी विधानसभा चुनावों की तैयारी, और अन्य दलों पर जातिवादी होने के सामान्य आरोपों** पर रहा। मायावती जी ने दलितों के व्यापक शोषण और आरक्षण के मुद्दों को छुआ, लेकिन हाल की घटनाओं को नाम लेकर या विस्तार से नहीं उठाया। नीचे भाषण के प्रमुख बिंदुओं का सारांश दिया गया है, जो समाचार स्रोतों (आज तक, जागरण, इंडिया डेली, न्यूज18, एनडीटीवी आदि) पर आधारित है।
भाषण के प्रमुख बिंदु (दलित अत्याचारों से जुड़े संदर्भ)
मायावती जी ने लगभग 3 घंटे के भाषण में दलितों के संरक्षण पर जोर दिया, लेकिन अक्टूबर की ताजा घटनाओं का जिक्र न करने से विपक्ष (जैसे कांग्रेस और सपा) ने बाद में सवाल उठाए। मुख्य संदर्भ:
| बिंदु | विवरण | दलित अत्याचार से संबंध |
|-------|--------|-------------------------|
| **सपा पर दलित विरोधी होने का आरोप** | सपा ने कासगंज जिले का नाम "कांशी राम नगर" से बदल दिया; सत्ता में PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) को भूल जाती है; बाबा साहेब को भारत रत्न नहीं दिया। | सामान्य जातिवादी रवैया का उल्लेख, लेकिन कोई हालिया घटना नहीं। |
| **कांग्रेस पर हमला** | इमर्जेंसी के दौरान संविधान का अपमान; दलितों-पिछड़ों का शोषण; कांशी राम के निधन पर राष्ट्रीय शोक न घोषित करना। | ऐतिहासिक शोषण का जिक्र, वर्तमान अत्याचारों का नहीं। |
| **आरक्षण और कानूनों पर** | आरक्षण पूरा नहीं मिला; BSP सरकार बनने पर दलित-पिछड़ों के खिलाफ कानून बदलेंगे; बाबा साहेब के संविधान की रक्षा करेंगे। | दलितों के व्यापक अधिकारों पर फोकस, लेकिन अक्टूबर की घटनाओं (जैसे IPS पूरन कुमार का मामला) का कोई लिंक नहीं। |
| **योगी सरकार की तारीफ** | स्मारक की मरम्मत कराई; दलित प्रतीकों का सम्मान; कानून-व्यवस्था अच्छी। | अत्याचारों पर चुप्पी, जो BJP की आलोचना से बचने की रणनीति मानी जा रही। |
| **चंद्रशेखर आजाद पर अप्रत्यक्ष हमला** | "स्वार्थी और बिकाऊ लोगों" को वोट न दें; BSP वोट बैंक तोड़ने की साजिश। | दलित नेताओं के बीच विभाजन का संकेत, लेकिन हमलों का जिक्र नहीं। |
| **2027 चुनाव का ऐलान** | अकेले लड़ेंगे; पांचवीं बार BSP सरकार बनाएंगे; कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने की अपील। | दलित एकता पर जोर, लेकिन हालिया हिंसा का कोई संदर्भ नहीं। |
#### विश्लेषण और प्रतिक्रिया
- **क्यों नहीं उल्लेख?**: रैली का उद्देश्य **शक्ति प्रदर्शन और सकारात्मक संदेश** देना था, न कि नकारात्मक घटनाओं पर फोकस। मायावती जी ने कांशी राम के "जाति तोड़ो, सत्ता जोड़ो" नारे को दोहराया और BSP को दलित उत्थान का एकमात्र माध्यम बताया। X (ट्विटर) पर कुछ यूजर्स ने इसे "चुप्पी" बताकर आलोचना की, खासकर पूरन कुमार की आत्महत्या (7 अक्टूबर) पर।
- **सामान्य दलित मुद्दे**: भाषण में दलितों के शोषण का व्यापक उल्लेख था, जैसे "जातिवादी दल संविधान बदलने की कोशिश कर रहे" और "दलितों को सत्ता की मास्टर चाबी चाहिए"। लेकिन विशिष्ट घटनाओं (जैसे रायबरेली लिंचिंग या CJI पर हमला) का नामोनिशान नहीं।


- **भीड़ और प्रभाव**: BSP दावा: 4-5 लाख लोग; यह 9 साल बाद लखनऊ में बड़ा आयोजन था। आकाश आनंद (मायावती के भतीजे) ने भी आरक्षण पर बोला, लेकिन अत्याचारों पर नहीं।
यदि मायावती जी बाद में (रैली के बाद) इन घटनाओं पर कोई बयान दें, तो अपडेट हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए BSP आधिकारिक सोशल मीडिया या समाचार स्रोत देखें।

2025 अक्टूबर माह में दलितों पर हुई घटनाओं पर RSS और मोदी का बयान एवं कार्रवाई

2025 के अक्टूबर माह (1 से 13 अक्टूबर तक) में भारत में दलित समुदाय पर अत्याचार की कई घटनाएं सामने आईं, जैसे रायबरेली (उत्तर प्रदेश) में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की लिंचिंग (1-2 अक्टूबर), हिमाचल प्रदेश में 12 वर्षीय दलित बालक की आत्महत्या (2 अक्टूबर), सुप्रीम कोर्ट में दलित CJI बी.आर. गवई पर जूता फेंकने का हमला (5-6 अक्टूबर), हरियाणा में दलित IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या (7 अक्टूबर), राजस्थान में बुजुर्ग दलित महिला कमला देवी रैगर पर हमला (9-10 अक्टूबर), और उत्तर प्रदेश में अन्य घटनाएं (मैनपुरी में दलित लड़की पर गैंग रेप, प्रयागराज में हिरासत मौत, अमरोहा में तलवार हमला; 10-13 अक्टूबर)। इन घटनाओं पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई व्यापक या सामूहिक बयान नहीं आया। केवल एक घटना (CJI पर हमला) पर मोदी का व्यक्तिगत बयान मिला, जबकि RSS की ओर से कोई सीधा बयान या कार्रवाई नहीं दिखी। विपक्ष (जैसे कांग्रेस) ने इन घटनाओं को "RSS-BJP की सामंती मानसिकता" से जोड़ा, लेकिन मोदी या RSS ने इसका प्रत्यक्ष जवाब नहीं दिया। नीचे विस्तार से जानकारी दी गई है, जो उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान और कार्रवाई
मोदी ने अक्टूबर 2025 की दलित अत्याचार घटनाओं पर सामान्य रूप से कोई बयान नहीं दिया। केवल एक विशिष्ट घटना पर उनका X (ट्विटर) पोस्ट मिला:
- **बयान**: 6 अक्टूबर 2025 को मोदी ने X पर पोस्ट किया: "सुप्रीम कोर्ट में आज CJI जस्टिस बी.आर. गवई जी पर हुए हमले से हर भारतीय क्रोधित है। हमारे समाज में ऐसे घिनौने कृत्यों की कोई जगह नहीं है। यह पूरी तरह निंदनीय है। मैं ऐसे हालात में जस्टिस गवई द्वारा दिखाए गए धैर्य की सराहना करता हूं। यह न्याय के मूल्यों और संविधान की भावना को मजबूत करने के उनके समर्पण को दर्शाता है।" (यह पोस्ट सीधे CJI पर हमले से संबंधित था, जो दलित समुदाय से हैं।)
- **कार्रवाई**: कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं दिखी। हमले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हमलावर वकील को गिरफ्तार किया, लेकिन मोदी सरकार की ओर से कोई जांच आयोग, नीतिगत बदलाव या राष्ट्रीय स्तर की अपील नहीं की गई। विपक्ष ने इसे "संघ की विचारधारा से प्रेरित" बताया, लेकिन मोदी ने इस पर चुप्पी साधी।
- **अन्य घटनाओं पर**: रायबरेली लिंचिंग, IPS पूरन कुमार की आत्महत्या, या अन्य हमलों पर मोदी का कोई बयान नहीं मिला। पुरानी घटनाओं (जैसे 2016) में उन्होंने "दलितों पर अत्याचार से सिर शर्म से झुक जाता है" कहा था, लेकिन 2025 में ऐसा कुछ नहीं। विपक्षी नेता जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि मोदी के समय दलित अपराध 46% बढ़े हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का बयान और कार्रवाई
RSS ने अक्टूबर 2025 की दलित अत्याचार घटनाओं पर कोई सीधा बयान या कार्रवाई नहीं की। उनके X हैंडल (@RSSorg) पर इस अवधि में कोई दलित-संबंधित पोस्ट नहीं मिला।
- **बयान**: कोई स्पष्ट बयान नहीं। RSS का एकमात्र पोस्ट (2 अक्टूबर 2025) पहलगाम आतंकवादी हमले (अप्रैल 2025) पर था, जो दलितों से असंबंधित है। विपक्ष ने RSS को "दलित विरोधी" बताया, जैसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हरियाणा IPS आत्महत्या और रायबरेली लिंचिंग पर "RSS-BJP की सामंती मानसिकता" का आरोप लगाया। पंजाब कांग्रेस ने भी BJP-RSS को दलित अत्याचारों के लिए जिम्मेदार ठहराया।
- **कार्रवाई**: कोई कार्रवाई नहीं दिखी। RSS की सामान्य नीति "सामाजिक समरसता" (सामाजिक सद्भाव) की है, लेकिन 2025 में इन घटनाओं पर कोई विशेष बैठक, अभियान या जांच की खबर नहीं। CJP रिपोर्ट में 2025 के आधे साल में दलित-अदिवासी हिंसा पर RSS-BJP की "खोखली रेटोरिक" की आलोचना की गई है।


#### समग्र विश्लेषण
- **चुप्पी का कारण?**: मोदी और RSS ने इन घटनाओं को "व्यक्तिगत" या "स्थानीय" मानकर टाला हो सकता है, जबकि विपक्ष ने इन्हें "संघ की जातिवादी विचारधारा" से जोड़ा। NCRB डेटा के अनुसार, दलित अपराधों में वृद्धि हुई है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से कोई राष्ट्रीय स्तर की पहल नहीं।
- **विपक्ष की प्रतिक्रिया**: कांग्रेस, तेलंगाना MP मल्लू रवि, और अन्य ने BJP-RSS को दोषी ठहराया। X पर #DalitVirodhiRSS ट्रेंड कर रहा है।
- **सुझाव**: अधिक जानकारी के लिए NCRB रिपोर्ट या आधिकारिक स्रोत देखें। यदि कोई नया बयान आए, तो अपडेट हो सकता है।

2025 अक्टूबर माह में दलितों पर हुए अत्याचारों पर न्यायपालिका और सरकारों की जिम्मेदारी ?

2025 के अक्टूबर माह (1 से 14 अक्टूबर तक) में भारत के विभिन्न राज्यों में दलित समुदाय पर अत्याचार की कई घटनाएं दर्ज हुईं, जो जातिगत हिंसा, भेदभाव और संस्थागत उत्पीड़न को दर्शाती हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 रिपोर्ट के अनुसार, दलितों पर अपराधों में 46% की वृद्धि हुई है, और यह प्रवृत्ति 2025 में भी जारी है। इन घटनाओं पर देश की न्यायपालिका और केंद्र/राज्य सरकारों की जिम्मेदारी संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता), 15 (भेदभाव निषेध), 17 (अस्पृश्यता उन्मूलन) और SC/ST (Prevention of Atrocities) Act, 1989 के तहत है। नीचे घटनाओं का क्रम, जिम्मेदारियां और की गई कार्रवाई का विवरण दिया गया है। जानकारी समाचार स्रोतों पर आधारित है।

#### प्रमुख घटनाएं (तिथि-क्रम में)
| तिथि       | स्थान/घटना विवरण                                                                 | प्रभावित व्यक्ति/समुदाय |
|------------|----------------------------------------------------------------------------------|--------------------------|
| **1-2 अक्टूबर** | **रायबरेली, उत्तर प्रदेश**: चोरी के संदेह पर दलित युवक हरिओम वाल्मीकि को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। वीडियो में वह राहुल गांधी का नाम लेकर दया मांगता दिखा, लेकिन हमलावरों ने "यहां सब बाबा वाले हैं" कहा। | हरिओम वाल्मीकि (दलित) |
| **2 अक्टूबर** | **हिमाचल प्रदेश**: 12 वर्षीय दलित बालक को राजपूत परिवार के घर में घुसने पर पीटा गया। परिवार ने "शुद्धिकरण" के लिए बकरी मांगी, जिसके बाद बालक ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। | 12 वर्षीय दलित बालक |
| **5-6 अक्टूबर** | **सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली**: वकील राकेश किशोर ने दलित CJI बी.आर. गवई पर जूता फेंका और "सनातन का अपमान नहीं सहेेंगे" का नारा लगाया। | CJI बी.आर. गवई (दलित) |
| **7 अक्टूबर** | **चंडीगढ़, हरियाणा**: दलित IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या की। 9-पेज के सुसाइड नोट में 12-16 अधिकारियों पर आरोप। | वाई. पूरन कुमार (दलित IPS) |
| **9-10 अक्टूबर** | **सवाई माधोपुर, राजस्थान**: बुजुर्ग दलित महिला कमला देवी रैगर पर हमला। | कमला देवी रैगर (दलित महिला) |
| **10-13 अक्टूबर** | **उत्तर प्रदेश (मैनपुरी, प्रयागराज, अमरोहा)**: मैनपुरी में 14 वर्षीय दलित लड़की पर गैंग रेप; प्रयागराज में दलित हिरा लाल की पुलिस हिरासत में मौत; अमरोहा में दलित युवक पर तलवार से हमला। | दलित लड़की, हिरा लाल, युवक |

ये घटनाएं मुख्य रूप से BJP शासित राज्यों (UP, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल) में हुईं। CJP की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के पहले छह महीनों में दलितों-अदिवासियों पर 50+ घटनाएं दर्ज हुईं।

#### सरकारों की जिम्मेदारी और कार्रवाई
- **केंद्र सरकार (मोदी सरकार)**: SC/ST एक्ट के तहत अपराधों की रोकथाम, जांच और पीड़ितों को मुआवजा/पुनर्वास प्रदान करना। NCRB डेटा पर निगरानी और राज्यों को दिशानिर्देश देना। हालांकि, विपक्ष (जैसे कांग्रेस) ने सरकार पर "चुप्पी" का आरोप लगाया, दावा किया कि अपराध 46% बढ़े हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने केवल CJI पर हमले पर X पर निंदा की, लेकिन अन्य घटनाओं पर कोई बयान नहीं। कोई राष्ट्रीय जांच या नीति बदलाव नहीं।
- **राज्य सरकारें**: पुलिस FIR दर्ज करे, गिरफ्तारियां करे, और विशेष अदालतों में मुकदमे चलाएं। उदाहरण:
  - **उत्तर प्रदेश (योगी सरकार)**: रायबरेली लिंचिंग में 5 गिरफ्तार (वैभव सिंह, विपिन मौर्य आदि), लेकिन विरोध के बाद। मैनपुरी रेप में FIR, लेकिन देरी की शिकायतें।
  - **हरियाणा**: IPS पूरन कुमार मामले में FIR (IPC 108, SC/ST एक्ट), SIT गठित, रोहतक SP हटाया। कांग्रेस ने न्याय की मांग की।
  - **हिमाचल प्रदेश**: बालक आत्महत्या पर जांच जारी, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं।
  - **राजस्थान**: महिला पर हमले पर राजनीतिक बयानबाजी, लेकिन विशिष्ट कार्रवाई नहीं।
- **समस्या**: NCRB के अनुसार, SC/ST एक्ट में सजा दर मात्र 32% है; 14 राज्यों के 498 जिलों में केवल 194 विशेष अदालतें। पुलिस पूर्वाग्रह और देरी आम। Human Rights Watch ने 2025 रिपोर्ट में राज्य सरकारों पर हमलों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।


#### न्यायपालिका की जिम्मेदारी और कार्रवाई
- **सुप्रीम कोर्ट**: संविधान की रक्षा, SC/ST एक्ट की व्याख्या, और त्वरित न्याय सुनिश्चित करना। CJI गवई पर हमले में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने वकील को निष्कासित किया, प्रवेश कार्ड रद्द किया। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज करने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने "बुलडोजर जस्टिस" को अवैध ठहराया और दिशानिर्देश जारी किए (नवंबर 2024 में, लेकिन 2025 संदर्भ में प्रासंगिक)।
- **हाईकोर्ट**: बॉम्बे हाईकोर्ट ने SC/ST एक्ट पर टिप्पणियां कीं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने दलितों पर हमलों में दोषियों को सजा दी।
- **समस्या**: न्यायपालिका में देरी; विशेष अदालतों की कमी। UN ह्यूमन राइट्स कमिटी ने 2025 में दलितों पर हिंसा पर चिंता जताई।

#### समग्र मूल्यांकन
- **जिम्मेदारी**: सरकारें रोकथाम, जांच और पुनर्वास के लिए जिम्मेदार हैं; न्यायपालिका निष्पक्ष न्याय और कानून व्याख्या के लिए। लेकिन कम सजा दर, पुलिस पूर्वाग्रह और राजनीतिक चुप्पी से न्याय प्रभावित होता है। विपक्ष ने RSS-BJP पर "जातिवादी एजेंडा" का आरोप लगाया।
- **सुझाव**: विशेष अदालतें बढ़ाएं, पुलिस सुधार, और राष्ट्रीय जांच आयोग गठित करें। दलितों की सुरक्षा संविधान की रक्षा है। अधिक जानकारी के लिए NCRB या आधिकारिक स्रोत देखें।

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