मौन हैं वह आग लगाकर !
जलता धूं धूं कर देश !
जलाता कौन ! कौन चुप है?
उल्टे-सीधे बोल बोलकर!
भक्तनुमा भ्रष्टाचारी भी !
बोल रहा है पैनल में !
पैनल, चैनल या सोशल मीडिया पर !
झूठ बोल रहे हो यह कहना!
अब कहना क्या गैरकानूनी है।
चोर चोर चिल्लाना कैसे?
बोलो !
यह कैसे गैर कानूनी है।
न्यायालय को सच और झूठ से,
कैसी आंख मिचौली है।
-डॉ लाल रत्नाकर
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