फिर उठा अमित शाह के तड़ीपार होने का मामला, क्या स्मृति इरानी ने बोला झूठ?
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by:
अनिल पांडेय Updated Tue, 01 Jan 2019 06:42 PM IST
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी - फोटो : PTI
यह मामला एक बार तब फिर सुर्खियों में आ गया जब अदालत ने सोहराबुद्दीन मामले के फैसले में सीबीआई पर यह कठोर टिप्पणी कर दी कि यह मामला 'राजनीति से प्रेरित' था। सीबीआई जैसी शीर्ष जांच एजेंसी के पास मामले की जांच से पहले ही एक लिखित पटकथा मौजूद थी। अदालत ने 2010 में अमित शाह को जमानत दिये जाने के समय अदालत के द्वारा कहे गए शब्दों को दुहराया और कहा कि इस मामले को चलाने के पीछे राजनीतिक स्वार्थ छिपा हुआ था।
स्मृति इरानी ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करने के दौरान यह कहा कि अदालत ने अमित शाह को राज्य से बदर (सामान्य भाषा में तड़ीपार) नहीं किया था। चूंकि अमित शाह इस मामले में पूरी तरह निर्दोष थे, इसलिए उन्हें खुद के निर्दोष साबित होने का पूरा भरोसा था और इसीलिए उन्होंने अदालत के सामने यह कहा था कि अगर अदालत चाहे तो वे इस मामले की जांच के दौरान राज्य से बाहर रहने को तैयार हैं जिससे कांग्रेस इस मामले की पूर्ण जांच करा सके।
दरअसल, सोहराबुद्दीन मामले में जज आफताब आलम की कोर्ट में सीबीआई ने यह मांग की थी कि अमित शाह को राज्य से बदर कर दिया जाए। जिससे वे इस मामले की जांच को प्रभावित न कर सकें। इसके बाद 2010 से 2012 के बीच कुछ समय के लिए उन्हें राज्य से बदर कर दिया गया था।
क्या सीबीआई अब गलत नहीं
राहुल गांधी ने अदालत के फैसले के बाद एक ट्विटर पोस्ट किया था। इसमें कहा गया था कि सोहराबुद्दीन और प्रजापति को किसी ने नहीं मारा। इसे सीधे अदालत की टिप्पणी से जोड़कर देखा गया। अगस्ता वेस्टलैंड मामले में मिशेल के ऊपर भी दबाव डालने के आरोप लगाए जा रहे हैं। लेकिन स्मृति इरानी ने इन आरोपों से साफ इनकार किया।
उन्होंने कहा कि सोहराबुद्दीन मामले में यह साफ हो गया है कि सीबीआई पर दबाव डाला गया था। राहुल गांधी को लगता है कि जिस तरह उन्होंने एजेंसी पर दबाव डाला था, उसी तरह दूसरी राजनीतिक पार्टियां भी दबाव डालती हैं। लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि सभी दल कांग्रेस के समान व्यवहार नहीं करते हैं।
(अमर उजाला से साभार )
2010 में सीबीआई ने अमित शाह को किया था तड़ीपार, अब बने देश के नए गृहमंत्री Prema Negi31 May 2019 2:06 PM जनज्वार, दिल्ली।
समय-समय की बात है, समय होत बलवान। भारतीय राजनीति में इस कहावत के आज सबसे प्रासंगिक होने का दिन है। 2010 में जिस सीबीआई ने अमित शाह को तड़ीपार किया था, गुजरात में घुसने का अधिकार छीन लिया था, उस अमित शाह के आगे अब सीबीआई ही क्या देश की हर शीर्षस्थ जांच एजेंसी के बड़े से बड़े शूरमा नमस्तक होंगे। इसे लोकतंत्र की ताकत कहें या हिंदू मानसिकता वाली राजनीति की माया, पर जो भी सच यही है कि आज से अमित शाह देश के सबसे ताकतवर मंत्री होंगे। गौरतलब है कि अमित शाह सोहराबुद्दीन और उनकी पत्नी क़ौसर बी के फर्जी एनकाउंटर मामले में आरोपित रह चुके हैं। जज लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मामले में भी शक की सुई अमित शाह की तरफ घूमी। इसके अलावा भी कई अन्य मामलों में वे आरोपी रहे हैं। हालांकि अब उन्हें सारे मामलों में क्लीनचिट मिल चुकी है। 2010 में सीबीआई ने चार्जशीट में अमित शाह पर आरोप लगाया था कि वह गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख के साथ वे एक फ़िरौती रैकेट में शामिल थे। Also Read - UP election 2022 : राजनीति में Owaisi बड़ा नाम, संकट में पहचान, जानें AIMIM प्रमुख की असली ... गुजरात के गृहमंत्री रहने के दौरान इसी मामले में अमित शाह को सीबीआई ने 2010 में गिरफ़्तार किया था। बाद में वह सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत लेकर रिहा हुए और ज़मानत मिलने के बावजूद उन्हें गुजरात से तड़ीपार करार दे दिया गया था। लंबे समय तक अमित शाह का गुजरात में घुसने की अनुमति नहीं दी गई थी। यही नहीं अमित शाह पर 2009 में एक महिला आर्किटेक्ट की गुजरात पुलिस से कथित रूप से अवैध जासूसी करवाने के भी आरोप लग चुके हैं। एक समाचार पोर्टल ने इस मामले में कुछ ऑडियो टेप जारी कर अमित शाह पर गुजरात के आईपीएस अधिकारी रहे जीएल सिंघल को महिला की जासूसी करने के आदेश देने के आरोप लगाए थे। इस मामले में गुजरात सरकार द्वारा एक जांच आयोग का भी गठन किया गया था, मगर बाद में यह सब मामले कब दब गए किसी को कानोंकान खबर भी न हुई।
जागरण राष्ट्रीय
तड़ीपार अमित शाह गुजरात में प्रचार करते दिखे
सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में डेढ़ साल पहले गुजरात हाई कोर्ट द्वारा तड़ीपार किए गए पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह रविवार को माणसा में उपचुनाव का प्रचार करते दिखे। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है। कांग्रेस ने जिला कलेक्टर और पुलिस को भी इस बारे में सूचित किया है।
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