(साभार : एस के यादव )
जालौन, उप्र के एक गांव गोरहा का पुरवा में एक फूल सी बच्ची ने जन्म (१० अगस्त १९६३ - २६ जुलाई २००१) लिया और माता - पिता ने उसे फूलन पुकारा,
खेपका (खेतिहर, पशुपालक, कारीगर/कामगार/मजदूर) जमात की केवट/मल्लाह जाति का परिवार और जाहिर है कि आर्थिक निर्बल, बच्ची बड़ी होने लगी और गांव के खाते पीते तथाकथित सवर्ण वर्ग के शोहदों को मासूम फूलन आसान शिकार लगने लगी, जैसा कि होता ही आया है गांव में घर से बाहर निकलते ही बच्ची से छेड़छाड़ और भद्दे शब्दों में अश्लील फब्तियां आम हो गयीं,
अब मंजर यह था कि हर दिन, कई कई बार उस बच्ची को ऐसी विषम परिस्थितियों से गुजरना पड़ा करता और वो बस किसी तरह उन भेड़ियों से बचते बचाते घर वापस पहुंचती,
समाज की इन ज्यादतियों से पीड़ित माता - पिता ने फूल सी बच्ची को मजबूर दिल से उससे तीन गुनी से भी अधिक उम्र के एक विधुर से ब्याह दिया और यहीं से फूल सी फूलन पर शारीरिक यातनाओं का पहाड़ टूट पड़ा, कुछ समय बाद वह पीड़ित-प्रताड़ित वापस माता पिता के पास लौट आयी,
इसके बाद हमारे समाज द्वारा उसके साथ की गयी तमाम नेक हरकतों पर न मैं तकरीर कर पाऊंगा न आप में से काफी जमाती साथी सुन पाएंगे, गांव में पुनः तमाम शारीरिक बलात और प्रताड़नाओं के बाद वो युवा हो चुकी बच्ची बागी बनी और अपने मान हनन का भरपूर बदला लिया, नाहक किसी को परेशान नहीं किया बल्कि कमजोरों की भरपूर मदद की,
फिर कालांतर में आत्मसमर्पण, जेल और रिहाई पर धरती पुत्र कहे जाने वाले नेताजी आदरणीय मुलायम सिंह यादव जी की समाजवादी पार्टी से सांसद बनीं, सन् २००१ में एक जातिवादी वहशी " * * * * राना " ने मुंह-बोला भाई बन दिल्ली में उनकी पीठ पर गोली मारकर हत्या कर दी,
ऐसी वीरांगना जिसने मान मर्दन करने वालों से हिसाब चुकता करने हेतु एक निर्धन कमजोर जमाती बच्ची फूलन को उन शोहदों के दिलों में खौफ पैदा कर देने वाली बागी फूलन देवी में तब्दील कर दिया था, उसके जज्बे को अनगिनत सलाम-जुहार हैं और ऐसी बेटी के जन्म पर जमात बधाई की पात्र,
काश ! हमारी हर जमाती बेटी भेड़ियों से खुद रक्षा करने का सबक वीरांगना फूलन जी से सीखती, हर जमाती बच्ची को आत्मरक्षा के लिए खुद को मजबूत करने हेतु मेरी तहेदिली शुभकामनाएं..
जालौन, उप्र के एक गांव गोरहा का पुरवा में एक फूल सी बच्ची ने जन्म (१० अगस्त १९६३ - २६ जुलाई २००१) लिया और माता - पिता ने उसे फूलन पुकारा,
खेपका (खेतिहर, पशुपालक, कारीगर/कामगार/मजदूर) जमात की केवट/मल्लाह जाति का परिवार और जाहिर है कि आर्थिक निर्बल, बच्ची बड़ी होने लगी और गांव के खाते पीते तथाकथित सवर्ण वर्ग के शोहदों को मासूम फूलन आसान शिकार लगने लगी, जैसा कि होता ही आया है गांव में घर से बाहर निकलते ही बच्ची से छेड़छाड़ और भद्दे शब्दों में अश्लील फब्तियां आम हो गयीं,
अब मंजर यह था कि हर दिन, कई कई बार उस बच्ची को ऐसी विषम परिस्थितियों से गुजरना पड़ा करता और वो बस किसी तरह उन भेड़ियों से बचते बचाते घर वापस पहुंचती,
Add परम विरॉगना फूलन देवीcaption |
समाज की इन ज्यादतियों से पीड़ित माता - पिता ने फूल सी बच्ची को मजबूर दिल से उससे तीन गुनी से भी अधिक उम्र के एक विधुर से ब्याह दिया और यहीं से फूल सी फूलन पर शारीरिक यातनाओं का पहाड़ टूट पड़ा, कुछ समय बाद वह पीड़ित-प्रताड़ित वापस माता पिता के पास लौट आयी,
इसके बाद हमारे समाज द्वारा उसके साथ की गयी तमाम नेक हरकतों पर न मैं तकरीर कर पाऊंगा न आप में से काफी जमाती साथी सुन पाएंगे, गांव में पुनः तमाम शारीरिक बलात और प्रताड़नाओं के बाद वो युवा हो चुकी बच्ची बागी बनी और अपने मान हनन का भरपूर बदला लिया, नाहक किसी को परेशान नहीं किया बल्कि कमजोरों की भरपूर मदद की,
फिर कालांतर में आत्मसमर्पण, जेल और रिहाई पर धरती पुत्र कहे जाने वाले नेताजी आदरणीय मुलायम सिंह यादव जी की समाजवादी पार्टी से सांसद बनीं, सन् २००१ में एक जातिवादी वहशी " * * * * राना " ने मुंह-बोला भाई बन दिल्ली में उनकी पीठ पर गोली मारकर हत्या कर दी,
ऐसी वीरांगना जिसने मान मर्दन करने वालों से हिसाब चुकता करने हेतु एक निर्धन कमजोर जमाती बच्ची फूलन को उन शोहदों के दिलों में खौफ पैदा कर देने वाली बागी फूलन देवी में तब्दील कर दिया था, उसके जज्बे को अनगिनत सलाम-जुहार हैं और ऐसी बेटी के जन्म पर जमात बधाई की पात्र,
काश ! हमारी हर जमाती बेटी भेड़ियों से खुद रक्षा करने का सबक वीरांगना फूलन जी से सीखती, हर जमाती बच्ची को आत्मरक्षा के लिए खुद को मजबूत करने हेतु मेरी तहेदिली शुभकामनाएं..
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