साथियों !
हम जिस दौर से गुज़र रहे हैं वह आपके सामने है हालात यह है कि वे जातियॉ जो मुट्ठी भर है सजग हैं और अफवाहबाज हैं । साथ ही साथ यैसे आर्गूमेण्ट करती है जो बहुजन जातियों को केवल गुमराह ही नहीं करती हैं बल्कि उन्हें भक्त और अपने असत्य की मुखबिर बना लेती हैं । यही कारण है कि उनके जीवन में सत्य और असत्य के मायने ही बदल जाते हैं ।
हम जिस दौर से गुज़र रहे हैं वह आपके सामने है हालात यह है कि वे जातियॉ जो मुट्ठी भर है सजग हैं और अफवाहबाज हैं । साथ ही साथ यैसे आर्गूमेण्ट करती है जो बहुजन जातियों को केवल गुमराह ही नहीं करती हैं बल्कि उन्हें भक्त और अपने असत्य की मुखबिर बना लेती हैं । यही कारण है कि उनके जीवन में सत्य और असत्य के मायने ही बदल जाते हैं ।
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