UP: मंत्रिपरिषद के पुनर्गठन पर मायावती ने उठाए गंभीर सवाल
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सपा सरकार ने प्रदेश की बिगड़ी कानून-व्यवस्था और ठप विकास कार्यों से ध्यान बंटाने के लिए आठ-नौ मंत्रियों को हटा दिया है।
बसपा प्रदेश कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार कुछ मंत्रियों को हटाकर और कुछ नए को बनाकर जैसे यह दिखाना चाहती है कि इससे कानून-व्यवस्था तुरंत ही सुधर जाएगी, भ्रष्टाचार जड़ से खत्म हो जाएगा।
मायावती ने कहा कि बर्खास्त मंत्रियों का कानून-व्यवस्था से सीधे कोई संबंध नहीं था। गृहमंत्री के नाते बिगड़ी कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है। ऐसे में नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
दूसरा, यदि इन मंत्रियों में विभाग में कुछ गड़बड़ी या पार्टी विरोधी कार्य किया है तो फिर इसे जनता के बीच खुलासा करना चाहिए। लेकिन सपा ने अब तक ऐसा नहीं किया। इससे लगता है कि दाल में कुछ काला जरूर है।
अब सत्ता में आई तो नहीं बनवाऊंगी पार्क-स्मारक
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि अब सत्ता मिली तो वे पार्क, स्मारक, संग्रहालय बनवाने और मूर्तियां लगवाने का काम नहीं करेंगी। पूरा ध्यान सूबे के विकास और गुंडो, माफियाओं को जेल भेजने में लगाएंगी।
मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की अखिलेश सरकार पर हमला बोलने के साथ ही 2017 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी सियासी रणनीति का संकेत किया।
मायावती ने कहा कि� उनकी सरकार दलित महापुरुषों के दिखाए रास्ते पर चलती है। ऐसे में उनके नाम पर स्मारक, संग्रहालय, मूर्तियां और पार्क बनवाए जाने जरूरी थे जो पिछले शासनकाल में ही पूरा कर लिया गया। अब इसकी जरूरत नहीं रह गई है।
... तो क्या मूर्तिंयों के चलते हारे
मायावती से सवाल पूछा गया कि क्या पार्कों, मूर्तियों के निर्माण को ही वे 2012 के चुनाव में मिली हार की वजह के रूप में देखती हैं, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की हार का कारण बसपा के खिलाफ भाजपा-कांग्रेस और सपा की अंदरूनी मिलीभगत थी। सभी ने बसपा से घबराकर उसके प्रत्याशियों के खिलाफ अपने वोट ट्रांसफर करा दिए। हालांकि हार के बावजूद उनके वोट बढ़े थे।
प्रधानमंत्री मोदी की जाति पर दिया बयान
मायावती ने प्रधानमंत्री मोदी पर दलित, आदिवासी और पिछड़ा विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी चुनाव में लाभ लेने के लिए अपने को पिछड़ा बताते हैं। पर, उनके पिछड़े होने की सच्चाई ये है कि वह गुजरात के घांची (तेली) जाति से आते हैं। यह जाति वहां की धनवान वैश्य समाज से आती है।
पहले ये जातियां वहां अपरकास्ट में थीं। पर मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू होने के बाद मोदी ने इसे अपरकास्ट से कटवाकर ओबीसी सूची में डलवा दिया। इस तरह इन्होंने गुजरात की उपेक्षित पिछड़ी जाति के लोगों का हक मारने का भी गलत काम किया। इसी तरह वह दलितों के हितैषी बनने के लिए अंबेडकर और भगवान बुद्ध के रास्ते पर चलने की बात करते हैं। लेकिन उनके सारे काम दलित विरोधी है।
शंकराचार्य बुराइयां दूर कराएं, लोग फिर से बनने लगेंगे हिंदू
मायावती ने कहा है कि वह हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन इसमें वर्ण व्यवस्था में कुछ गंभीर कमियां व बुराईयां हैं जिससे दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जाता है। इसे दूर करना बहुत जरूरी है। मायावती ने कहा कि यदि इन बुराईयों को हिंदू धर्म से दूर कर दिया जाए तो फिर हिंदू धर्म को स्वीकार करने में कोई भी बुराई नहीं है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि डा. अंबेडकर ने यह सुझाव काफी पहले दिया था पर शंकराचार्यों ने नहीं माना। आखिरकार बाबा साहब को बौद्ध धर्म अपनाना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह शंकराचार्यों से फिर मांग करती हैं कि वह हिंदू धर्म में व्याप्त कमियों व बुराईयों को दूर करें तो यह बौद्ध धर्म की तरह पूरी दुनिया में फैल जाएगा। और यदि ये लोग ऐसा कर लेते हैं तो फिर हिंदू धर्म से गए लोग फिर से हिंदू धर्म में वापस आ जाएंगे। हिंदूवादी संगठनों की आबादी भी बढ़ जाएगी जिसके लिए हिंदूवादी विचार-संगोष्ठी व जनजागरण किया करते हैं।
पहले ये जातियां वहां अपरकास्ट में थीं। पर मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू होने के बाद मोदी ने इसे अपरकास्ट से कटवाकर ओबीसी सूची में डलवा दिया। इस तरह इन्होंने गुजरात की उपेक्षित पिछड़ी जाति के लोगों का हक मारने का भी गलत काम किया। इसी तरह वह दलितों के हितैषी बनने के लिए अंबेडकर और भगवान बुद्ध के रास्ते पर चलने की बात करते हैं। लेकिन उनके सारे काम दलित विरोधी है।
शंकराचार्य बुराइयां दूर कराएं, लोग फिर से बनने लगेंगे हिंदू
मायावती ने कहा है कि वह हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन इसमें वर्ण व्यवस्था में कुछ गंभीर कमियां व बुराईयां हैं जिससे दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जाता है। इसे दूर करना बहुत जरूरी है। मायावती ने कहा कि यदि इन बुराईयों को हिंदू धर्म से दूर कर दिया जाए तो फिर हिंदू धर्म को स्वीकार करने में कोई भी बुराई नहीं है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि डा. अंबेडकर ने यह सुझाव काफी पहले दिया था पर शंकराचार्यों ने नहीं माना। आखिरकार बाबा साहब को बौद्ध धर्म अपनाना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह शंकराचार्यों से फिर मांग करती हैं कि वह हिंदू धर्म में व्याप्त कमियों व बुराईयों को दूर करें तो यह बौद्ध धर्म की तरह पूरी दुनिया में फैल जाएगा। और यदि ये लोग ऐसा कर लेते हैं तो फिर हिंदू धर्म से गए लोग फिर से हिंदू धर्म में वापस आ जाएंगे। हिंदूवादी संगठनों की आबादी भी बढ़ जाएगी जिसके लिए हिंदूवादी विचार-संगोष्ठी व जनजागरण किया करते हैं।
सीबीआई दुरुपयोग से मोदी से किया आगाह
बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की जमकर आलोचना करते हुए चेतावनी दी है कि वह उनके खिलाफ सीबीआई का इस्तेमाल न करे। वरना, इसका उन्हें ही राजनीतिक खामियाजा भुगतना पड़ेगा, फायदा उलटा बसपा का ही होगा।मायावती ने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। एनआरएचएम में पिछले चार सालों में सीबीआई को कोई उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला। अब चुनाव आया है तो फिर सुबूत की बात होने लगी है। उन्होंने कहा कि ऐसा ही 2003 में एनडीए सरकार ने ताज प्रकरण में उनके खिलाफ सीबीआई का दुरुपयोग किया था। तब मुझे सुप्रीमकोर्ट से न्याय मिला।
साथ ही इसके बाद जब 2007 के चुनाव हुए तो बसपा पूर्ण बहुमत में आई। इसलिए मोदी को ध्यान रखना चाहिए कि मायावती के खिलाफ सीबीआई से दुरुपयोग से उनका सपना पूरा होने वाला नहीं है। वह इस तरह के हथकंडों से घबराने वाली नहीं हैं।
चुनाव से पहले राष्ट्रपति शासन लगा सकती है भाजपा
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि प्रदेश में यह चर्चा सरगर्म है कि बिहार में भाजपा की सरकार बने या न बने लेकिन वह यूपी में सरकारी मशीनरी अपने हिसाब से चलाने के लिए चुनाव के पहले खराब कानून-व्यवस्था के नाम पर राष्ट्रपति शासन लगा देगी।
मायावती ने कहा कि चुनाव के ऐन पहले ऐसा करने से भी भाजपा को कोई फायदा नहीं होने वाला है। यदि राष्ट्रपति शासन लागू करना था तो सत्ता में आते ही करना चाहिए। यूपी में कानून-व्यवस्था शुरू से ही खराब है।
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