लोकसभा में भी सुनाई देगी आरक्षण की गूंज
आंदोलन के बाद ही इसका संकेत दे दिया था कि आगामी लोकसभा भी इससे अछूता नहीं रहेगा। आंदोलन की अगुवाई करने वाले अजीत यादव, दिनेश यादव, मनोज समाजसेवी, लालाराम सरोज आदि का साफ तौर पर कहना है कि वे आंदोलन चुनाव तक किसी न किसी रूप में जिंदा रखेंगे। इसके लिए उन्हाेंने पूरे देश में शहर तथा गांवों में नुक्कड़ सभाओं, पर्चे बांटने आदि की घोषणा की है जिसका दौर शुरू हो चुका है। एम्स का मुद्दा संसद में उठाने वाले शरद यादव इस आंदोलन की कमान संभालने के लिए भी तैयार हैं। एक मुद्दे पर ही सही लेकिन इनकी यह एका बड़ी पार्टियों खासतौर, पर पिछड़ों की राजनीति करने वालों, और सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है। मुजफ्फरनगर तथा दंगों से संबंधित एक रिपोर्ट को लेकर चौतरफा घिरी प्रदेश सरकार के लिए मंगलवार को प्रस्तावित आरक्षण समर्थकों की महापंचायत की सफलता से परेशानी और बढ़ सकती थी। सामाजिक न्याय मोर्चा की बुधवार को बैठक होगी, जिसमे आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
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महापंचायत को लेकर शहर में दहशत, सैकड़ों गिरफ्तार
पूर्व की घटनाओं को देखते हुए सामाजिक न्याय मोर्चा की ओर से घोषित ‘आरक्षण बचाओ महापंचायत’ को लेकर पूरे शहर में दहशत और तनाव का माहौल रहा। जिला प्रशासन के रोक के बाद भी समर्थक इसके लिए अड़े रहे। इसको लेकर प्रदेश सरकार भी पूरी तरह से सतर्क रही। महापंचायत में शामिल होने के लिए दूरंतों ट्रेन से आ रहे जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव को गाजियाबाद तथा अपना दल की अनुप्रिया पटेल को रायबरेली में ही सोमवार देर रात को गिरफ्तार कर लिया गया। शहर तथा दूसरे जिलों से जोड़ने वाले मार्गों पर चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात रही। छात्रों तथा प्रतियोगियों के बहुलता वाले इलाकों में काफी सख्ती थी। इसकी वजह से कहीं भी युवाओं का जमावड़ा नहीं हो पाया। जहां भी दो-चार लोग इकट्ठा हुए पुलिस ने उन्हें हटा दिया। इसके बाद भी आरक्षण समर्थक बालसन चौराहा पहुंचने में सफल हुए। गलियों में एकत्रित प्रतियोगी छोटे-छोटे समूह में आनंद भवन, हासिमपुर रोड, जीटी रोड हर तरफ से बालसन चौराहा पहुंचे, जिन्हें वहीं गिरफ्तार कर लिया गया। खास यह कि समर्थकों ने इसका कोई प्रतिरोध नहीं किया और नारेबाजी करते हुए पुलिस की बस, वैन में चढ़ गए। इसके बाद उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया। इस दौरान वे प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। पुलिस और आरक्षण समर्थकों के बीच लुका-छिपी का यह खेल दिन भर चला।
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