गुरुवार, 7 नवंबर 2019
रविवार, 6 अक्टूबर 2019
गांव
हमारे जीवन में गावों की दुनिया एक अलग ही दुनिया हुआ करती थी लेकिन आज की दुनिया गावों में भी जहर घोल दी है। सरकारी प्रयास ऐसे लगते थे जैसे गावों के विकास के लिए कार्य कर रहे हों, पर उसके भीतर किस तरह का खेल चल रहा होता था उसका कभी भी अंदाज़ा समझ में नहीं आया। हम बड़े होते गए विकास अपनी तरह से आगे बढ़ता गया और राजीव जी की सरकार ने यह फैसला लिया जिससे पैसा सीधे गांव प्रधान के पास आये यह था तो बहुत अच्छा फैसला पर प्रधान बेईमान नहीं होगा इसका क्या भरोषा।
अब सवाल यह था की जब पंचायती राज की अवधारणा पर काम होना शुरू हुआ तब -
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