पेट्रोल पंप आवंटन में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण | |||
नई दिल्ली/अमर उजाला ब्यूरो | |||
Story Update : Friday, July 20, 2012 8:52 PM | |||
पेट्रोल पंप आवंटन की मौजूदा प्रक्रिया में सरकार ने अहम बदलाव का निर्णय लिया है। अब रिटेल आउटलेट (आरओ) डीलरशिप के आवंटन में ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 27 फीसदी आरक्षण होगा। इसके अलावा चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी रोकने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने लकी ड्रॉ के जरिए पेट्रोल पंप आवंटन संपन्न करने की योजना बनाई है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इससे रिटेल आउटलेट के डीलरशिप में पारदर्शिता आ सकेगा। मंत्रालय ने पिछड़े वर्ग को आर्थिक मदद के लिए यह निर्णय लिया है। आरक्षण के कारण नई प्रक्रिया में उन्हें डीलरशिप पाने में वरीयता मिल सकेगी। मालूम हो कि फिलहाल रिटेल आउटलेट डीलरशिप में 22 फीसदी आरक्षण अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए, 5 फीसदी शहीदों की विधवाओं और 5 फीसदी सेना के सेवानिवृत्त जवानों को लिए है। अब ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देकर इस सूची शामिल कर लिया गया है। |
शुक्रवार, 20 जुलाई 2012
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शनिवार, 14 जुलाई 2012
सामाजिक परिवर्तन
सामाजिक परिवर्तन लायें लड़कियां: राष्ट्रपति
Updated on: Wed, 02 Nov 2011 08:36 PM
सामाजिक परिवर्तन लायें लड़कियां: राष्ट्रपति
लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। तीन सदियों में अपने गौरवशाली इतिहास में महिलाओं की शिक्षा और उत्थान के असंख्य पन्नों को संजोये ईसाबेला थॉबर्न [आइटी] कॉलेज में राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का बुधवार को पदार्पण यहां की छात्राओं के लिए यादगार लम्हा बन गया। जब राष्ट्रपति एशिया के पहले महिला क्रिश्चियन कॉलेज की होनहार छात्राओं से रूबरू हुयीं तो तालियों की गड़गड़ाहट के बीच इस यादगार लम्हे का साक्षी बनने के लिए वक्त भी ठहर गया था।
कॉलेज की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने छात्राओं को शिक्षित होकर न सिर्फ महिलाओं के प्रति भेदभाव बरतने वाली सामाजिक कुरीतियों की मुखालिफत करने की नसीहत दी बल्कि उनसे सामाजिक परिवर्तन का सूत्रधार बनने का भी आह्वान किया।
शैक्षिक यात्रा के साथ राष्ट्रपति ने प्रतीकस्वरूप 125 लाइटों से सुसज्जित दीपमाला को प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया।
समारोह में उपस्थित छात्राओं और देश-विदेश से आये अतिथियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा किसी देश की सामाजिक स्थिति का आकलन वहां की महिलाओं को हासिल दर्जे और हैसियत से किया जाता है।
महिलाओं की शिक्षा का उनकी तरक्की और आर्थिक स्वावलंबन से सीधा रिश्ता रहा है। यह भी कड़वा सच है कि शिक्षित महिलाओं की सफलताओं के किस्सों के बीच अशिक्षा व सुविधाओं से वंचित होने की चर्चाएं भी प्राय: सुनने को मिलती हैं।
यह विडंबना ही है कि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के असंभव को संभव कर दिखाने ने के बावजूद आज भी देश में बहुसंख्य महिलाएं लिंग भेद व सामाजिक कुरीतियों का शिकार हैं।
उन्होंने कॉलेज की युवा छात्राओं से इन सामाजिक कुरीतियों से लड़ने तथा इनका शिकार महिलाओं की मदद करने का आह्वान किया। छात्राओं को तरक्की में साझेदार बनने की नसीहत देते हुए उन्होंने कामकाजी महिलाओं के समक्ष बच्चों के पालन-पोषण, घरेलू और पेशेवर जिंदगियों में सामंजस्य और रिश्तों पर पड़ने वाले उनके प्रभावों जैसी चुनौतियों के प्रति भी सचेत किया। कॉलेज की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने की स्मृति में उन्होंने शिलापट का अनावरण भी किया।
अपने संबोधन में राज्यपाल बीएल जोशी ने कॉलेज को उसकी उपलब्धियों के लिए साधुवाद दिया। राज्यपाल ने कॉलेज की इतिहास पुस्तिका और पूर्व छात्राओं के संस्मरणों के संकलन का विमोचन भी किया।
इससे पहले कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ.ईएस चार्ल्स ने कॉलेज के इतिहास और यहां पढ़कर विभिन्न क्षेत्रों में शोहरत हासिल करने वाली नामचीन पूर्व छात्राओं का उल्लेख किया।
अपने उद्घाटन भाषण में कॉलेज की सोसाइटी के अध्यक्ष बिशप तारानाथ सागर ने राष्ट्रपति से देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबों के उत्थान के क्षेत्रों में काम कर रहे ईसाई मिशनरी व अल्पसंख्यकों की हिफाजत के लिए सरकार की ओर से उचित कदम उठाने का अनुरोध किया।
इस मौके पर भारत के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल कर्नल कमलेश चंद्रा ने आइटी कॉलेज पर जारी डाक टिकट का अनावरण कर राष्ट्रपति को एल्बम भी भेंट किया। कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री नकुल दुबे भी उपस्थित थे।
जूडो-कराटे सीखें लड़कियां
कॉलेज की छात्राओं से मुखातिब राष्ट्रपति ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर भी अपने सरोकार जताएं। खुद को अपराधियों से बचाने के लिए उन्होंने लड़कियों को जूडो-कराटे सीखने की नसीहत दी। यह कहते हुए कि आत्मरक्षा ही महिलाओं की सुरक्षा का सबसे कारगर तरीका है।
उन्होंने कहा यह चिंता का विषय है कि 21वीं सदी में परिवारीजन अपनी महिला सदस्यों की सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद रहते हैं। कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार संस्थाओं को इस समस्या से निपटने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
लड़कियों को पढ़ायें, हर गली में मिलेंगे फरिश्ते
समारोह में राष्ट्रपति के उद्बोधन से पहले राज्यपाल ने छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने लखनऊ की शान में एक शेर सुनाया जिसकी आखिरी पंक्ति यूं थी कि इसकी गलियों में फरिश्तों के पते मिलते हैं।
छात्राओं से रूबरू हुयीं राष्ट्रपति ने भी महिला शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। भाषण के अंत में उन्होंने राज्यपाल के सुनाये गए शेर की आखिरी पंक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि सारी लड़कियों को पढ़ाइये, हर गली में आपको फरिश्ते मिल जाएंगे। राष्ट्रपति का यह कहना था कि पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
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