गुरुवार, 14 मई 2015

चन्द्र भूषण जी की पोस्ट

बुधवार, 13 मई 2015

गाहे बगाहे

दिलीप मंडल की पोस्ट के लिये:
भाई दिलीप जी! आपकी गालियाँ किनके लिये हैं, उनके लिये जिनके मन आपके लिये नफ़रत से भरे रहते हैं । अफ़सोस ये नहीं कि जातियाँ जिसने भी बनाई अपने काम के लिये बनाईं । पर जबतक आप उनके बनाये पर खड़े रहोगे तब तक वो चलती रहेंगी, आप किसका हित कर रहे हो जाति बनाने वालों का या उन जातियों का जिन्हें आप पिडित समझते हैं। मेरे ख़्याल से छल छल ही होता है, जातियों के हिसाब से छल जारी है, अपनी या अपनी जाति के प्रति मोह आकर्षण आदि ही मूल कारण है। आप कभी भी इस भेदभाव को समाप्त नहीं कर पायेंगे क्योंकि जब आप सॉस्थानिक होते हैं ईमानदारी का रोग लग जाता है और न्यायप्रिय दिखना चाहते हैं। यही गुण उनमें नहीं होता उनका दुर्गुण ही उनका सम्बल है। आपको,हमको, उन सबको अलग न्यायालय,संसद,विश्वविद्यालय आदि बनाना होगा जिसमें बहुजन के लिये नियम क़ानून और आन्तरिक दुश्मन से लड़ने के लिये फ़ौज तक खड़ी करनी होगी।.............
इसलिये भी कि जिन्हें हम अपने हक़ की लड़ाई के लिये चुनते हैं वे उनकी गोंद में बैठकर बहुजन की बात कभी कभार करते हों जो बहुजनों के जन्मना दुश्मन हैं, अज्ञान ही नहीं आर्थिक ग़ैर बराबरी मूलतह उसकी जड़ में है। जिसे भरने के उपक्रम के तरीके वही बताते हैं, मुझे लगता है उन्हीं तरीक़ों के चलते वे फँस जाते हैं, जिसमें वो कम और उनके सलाहकार ज़्यादा दोषी होते हैं।
हमारी लड़ाई पीछे रह जाती है। नई लड़ाई लड़ने के लिये सजग सिपाहसालारों की जगह उनका परिवार आगे आता है जो रेड का पेड़ साबित होता है।
भाई दिलीप जी अनेकों तर्कों से बताते रहते हैं कि योगेन्द्र यादव का सामाजिक न्याय और जातिय लड़ाई के लिये कोई योगदान नहीं है, मेरे और पत्रकार मित्रों की राय इसी से मेल खाती है, पर मुझे लगता है यदि योगेन्द्र यादव को इसके लिये तैयार किया जाता तो इसे दूर तक ले जाया जा सकता जहाँ से रास्ते निकलते, पर जब सारे रास्ते अवरूद्ध हो गये हों दिलीप भाई उनके जिनके न तो बड़े बड़े नीजी कालेज हों और न ही उद्योग धंधे वह जमात अच्छी से अच्छी शिक्षा लेकर जायेगी कहाँ ?
क्या योगेन्द्र यादव आप से इसीलिये तो नहीं निकाले गये ?
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एक बात और दिलीप भाई शरद यादव जैसे भी है क्या उनका दर्द आपसे छुपा है, गालियाँ दीजिये ! जी भरके पर पहले कोई रास्ता तो बनवाईये, नहीं तो ये बड़ा उल्टा लगता है आप जिस तरफ़ चलते हो उसके उस तरफ़ के लोग लाभान्वित होने लगते हैं।
कि कहीं मंडल और मोदी का गोत्र एक ही तो नहीं?

प्रोफ. ईश्वरी प्रसाद जी का निधन

प्रोफ. ईश्वरी प्रसाद जी का निधन  दिनांक 28 दिसम्बर 2023 (पटना) अभी-अभी सूचना मिली है कि प्रोफेसर ईश्वरी प्रसाद जी का निधन कल 28 दिसंबर 2023 ...