गुरुवार, 28 अक्तूबर 2021

उत्तर प्रदेश राजनीती के समकालीन समीकरण -2024 में मोदी को रोकना है तो 2022 में उत्तर प्रदेश में योगी को रोकना ही होगा।


2024 में मोदी को रोकना है तो 2022 में उत्तर प्रदेश में योगी को रोकना ही होगा। अमित शाह की इस बात से जिस आशंका का एहसास उनको हो रहा है वह सही है पर अमितशाह की माणसा को परिपूर्ण करने के लिए उनके रचाये गए हथकंडे उत्तर प्रदेश की जनता को अच्छी तरह समझ में आ गयी है।
आधुनिक युग में फुट डालो और राजयकारो की निति दरअसल मनुस्मृति की रही है, जिसे आज पुनः ब्राह्मणवादी और बनियों ने पुनः आक्खतियार की हुयी है। धर्म और राष्ट्र के नाम की राजनीती करने वाले न धर्म से कोई सरोकार रखते हैं और न ही राष्ट्र से ही क्योंकि धर्म का इस्तेमाल सत्ता के लिए और राष्ट्र पूंजीपतियों को दे रहे हैं जनता को नंगा करके आत्मनिर्भर करने की मनुवादी योजना पर चल रहे है।



ठोक दो ! 
धर्म के नाम पर लिंचिंग 
अस्पतालों की कॉर्पोरेटिंग 
ब्राह्मणों की हत्या 
जातिवादी राजनीती 
जुमलेबाजी 
झूठ 
आपदा में अवसर 
क्रूरता में करुणा 
खेमचंद शर्मा जैसे झूठे आदमी को ही देख लीजिये !
वैक्सीन भाजपा की नहीं सरकार की है जो हमारे टैक्स का है पी एम केयर फंड का हिसाब देना चाहिए। 
उज्जवला योजना में गैस की कीमत  रु.300 से रु.900 
पेट्रोल डीजल की कीमतें दोगुनी !
रेल बेच दिया 
हवाई अड्डे बेच दिया 
LIC बेच दिया 
पूंजीपतियों के गुलाम  
दलितों पिछड़ों अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न। 
विशेष : सपा के प्रवक्ता के पास आंकड़े तो हैं लेकिन क्रम से शालीनता से क्रमवार उठाना चाहिए ममता त्रिपाठी से सबक लेना चाहिए। 
रूफी ज़ैदी जी ;
श्री अखिलेश जी को जनता चाहती है कि फिर से मुख्यमंत्री बने और यह बात उनको कहीं से समझ में आ गई है। जिसकी वजह से वह निरंतर मुख्यमंत्री के रूप में अपनी योजना पर काम कर रहे हैं।
अब यह दुनिया में जाहिर हो चुका है कि भाजपा धूर्तता और असंवैधानिक तरीके से इस देश की आवाम को बेवकूफ बनाकर अपने पक्ष में करने का निरंतर प्रयास कर रही है जिस तरह से बंगाल की चुनाव में देश का प्रधानमंत्री अपनी हर तरह की चाल से बाज नहीं आया क्या आप अपेक्षा करते हैं कि उत्तर प्रदेश में उस तरह का तांडव यह लोग नहीं करेंगे।
अब यहां सवाल बनता है कि क्या श्री अखिलेश यादव के पास उनके इस छल का माकूल जवाब है।
आज की ही बहस में देखिए भाजपा के प्रवक्ता के रूप में खेमचंद शर्मा जिस तरह से आतंकी की तरह बातें कर रहा है, उसके सामने मनोज जैसे लोग रीरिआते आते हुए नजर आ रहे हैं। बहुत शालीन और तर्कों के साथ सपा के प्रवक्ताओं को अपनी बात रखनी होगी ममता जी से सीख सकते हैं लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे जहां बहस करनी है वहां वहस ही चाहिए जहां लट्ठ चाहिए वहां लाठी निकालना चाहिए।
मुझे भरोसा है कि आप जैसे पत्रकार भाजपा के दोगले चरित्र के लोगों को जनता के सामने उजागर करने में कामयाब हो सकेगी।
बहुत-बहुत बधाई आपको।
 

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