गुरुवार, 13 जनवरी 2011

ये है मायावती का सर्वजन 'राज'

दुष्कर्म का आरोपी बसपा विधायक गिरफ्तार

"ये है मायावती 'राज' की कहानी"
Jan 13, 06:45 pm

बांदा [जासं]। दलित युवती के साथ दुष्कर्म के आरोपी बसपा विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी को गुरुवार को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जाहिर हो कि इस बहुचर्चित शीलू प्रकरण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार विपक्ष के निशाने पर थी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को बांदा जिले के नरैनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी और उनके चार साथियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर गिरफ्तारी का आदेश दिया था। बुधवार की रात से ही पुलिस ने विधायक की गिरफ्तारी के लिए छापे शुरू कर दिए थे। गुरुवार को सभी सीमाओं पर पुलिस ने नाकेबंदी कर दी।
सूत्रों ने बताया कि लखनऊ से विधायक बांदा के लिए चले। यह जानकारी यहां की पुलिस को हो गई थी। बबेरू थानांतर्गत औगासी पुल के पास फतेहगंज पुलिस लगी हुई थी। विधायक ने कार से जैसे ही पुल पार किया, पुलिस ने रोक कर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक अनिल दास ने बताया कि लगभग शाम चार बजे औगासी पुल के पास विधायक की गिरफ्तारी की गई है।
गिरफ्तार विधायक को पुलिस पहले देहात कोतवाली ले गई। देर रात्रि मेडिकल परीक्षण के बाद सीजेएम तृप्ता चौधरी के समक्ष उनके आवास पर पेश किया गया। सीजेएम ने विधायक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए। रात्रि 9.49 बजे विधायक को मंडल कारागार में दाखिल कराया गया। शीलू के साथ दुष्कर्म के आरोप में ही पुलिस ने पथरा गांव के रघुवंशमणि द्विवेदी उर्फ सुरेश नेता व राजेंद्र शुक्ला को भी गिरफ्तार किया था। उन्हें भी जेल भेज दिया। उन दोनों को भी मुख्य दंडाधिकारी तृप्ता चौधरी ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है और कहा कि अभियुक्तों को शिनाख्त होने तक बापर्दा रखा जाए।
अत्याचार की कहानी
-12/13 दिसंबर की रात शीलू विधायक के घर से भागी।
-14 दिसंबर चोरी के मामले में विधायक के पुत्र मयंक ने अतर्रा थाने में दर्ज कराया मुकदमा।
-15 दिसंबर को पुलिस ने रात आठ बजे शीलू को जेल भेजा।
-17 दिसंबर को गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल ने शीलू को न्याय दिलाने की आवाज उठायी।
-19 दिसंबर को कथित प्रेमी रज्जू पटेल की मां व पिता ने जेल में शीलू से की मुलाकात।
-21 दिसंबर को शीलू को मेडिकल के लिए अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने किया इंकार।
-22 दिसंबर को शीलू का भाई संतू ने जेल में मुलाकात की और बहन पर अत्याचार का आरोप लगाया।
-24 दिसंबर को शीलू को अतर्रा मुंसिफ न्यायालय में पेश किया गया। जहां बयान नहीं हुए, वहीं पर उसने पत्रकारों से विधायक के घर पर अत्याचार की बात कही।
-26 को कांग्रेस के सदर विधायक विवेक सिंह जेल में शीलू से मिले और कहा कि शीलू ने बताया है उसके साथ विधायक के घर अत्याचार हुआ।
-27 दिसंबर को शीलू के पिता अच्छेलाल ने गुलाबी गैंग की कमांडर के साथ कचहरी पहुंचकर विधायक व उसके भाई पर धमकी देने का लगाया आरोप।
-29 दिसंबर को पुलिस कप्तान जेल पहुंचकर पांच घंटे तक शीलू से की पूछताछ, रात में हुआ मेडिकल परीक्षण।
-दो जनवरी को जेल में शीलू के भाई संतू ने की मुलाकात और कहा कि बहन ने बताया कि उसके साथ विधायक समेत पांच लोगों ने किया बलात्कार।
-12 जनवरी को सीबीसीआइडी की प्रारंभिक रिपोर्ट पर विधायक सहित पांच लोगों पर मुकदमा पंजीकृत।
एसपी व थानेदार पर भी होगी कार्रवाई
लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। दिव्या काड में पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के बाद बांदा के शीलू दुराचार कांड की अनदेखी करने वाले अफसरों पर शिकंजा कसने लगा है। अब उन पर भी गाज गिरनी तय है। सूत्रों के मुताबिक सीआइडी की जांच में अतर्रा के थानेदार और बांदा के एसपी अनिल दास की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। दलील है कि अगर कोई भी महिला अपने साथ दुष्कर्म की शिकायत करे तो तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए, लेकिन 12 दिसंबर को पकड़े जाने के बाद शीलू के लगातार गुहार लगाने के बावजूद पुलिस कान बंद किए रही। उल्टे चोरी का मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया। उसका इलाज भी नहीं कराया गया, जबकि दुराचारियों ने उसे लहुलूहान कर दिया था।
शीलू कांड की जांच कर रही सीबीसीआइडी जैसे ही शासन को डीएफआर [ड्राफ्ट फाइनल रिपोर्ट] सौंपेगी, तुरंत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। सूत्रों का यह भी दावा है कि शीलू भले ही कपड़े और मोबाइल लेकर गयी, लेकिन उसकी मंशा चोरी की नहीं थी, इसलिए उसके खिलाफ मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लग सकती है, लेकिन कुछ जेलकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।
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बी.बी.सी.से साभार-

नरेश द्विवेदी
बसपा विधायक नरेश द्विवेदी ने दी गिरफ्तारी
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक नाबालिग युवती के साथ कथित बलात्कार के आरोपी सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी के विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी ने बृहस्पतिवार को अंततः अपने आपको पुलिस के हवाले कर दिया.
पीड़ित युवती शीलू निषाद विधायक के घर से चोरी के एक मुक़दमे में एक महीने से जेल में है. विपक्ष, विधायक की गिरफ्तारी से संतुष्ट नही है और वह पीड़ित युवती की रिहाई तथा मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है.
आरोपी विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के परिवार के लोगों के अनुसार वह गुरुवार शाम लखनऊ से वापस बांदा पहुंचे और अपने आपको पुलिस अधीक्षक अनिल दास के हवाले कर दिया.
जानकार लोगों के अनुसार बुधवार को लखनऊ में वह सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों में मिले थे और अपने को बेगुनाह बताया था.
विधायक का कहना है कि वह लंबे अरसे से मधुमेह से पीड़ित हैं और शारीरिक रूप से सेक्स के लिए अक्षम हैं, इसलिए मामले की सही जांच के लिए उनका डीएनए टेस्ट और युवती के कपड़ों का फोरेंसिक परिक्षण कराया जाए.

राजनीतिक दबाव

लेकिन सरकार ने सीआईडी रिपोर्ट में 12 दिसंबर की रात विधायक के घर में बलात्कार की पुष्टि का हवाला देते हुए बुधवार को पुलिस को विधायक और उनके तीन सहयोगियों के ख़िलाफ बलात्कार का केस दर्ज करने के निर्देश दिए.
रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि पीड़ित युवती ने दस जनवरी को अदालत में लिखित प्रार्थना पत्र देकर विधायक और उनके सहयोगियों पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है और कानूनन उसकी अनदेखी नही की जा सकती.
पिछले चौबीस घंटों में टीवी न्यज़ चैनल बराबर यह कह रहे थे कि पुलिस जान बूझकर विधायक को गिरफ़्तार नही कर रही है.
कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह की प्रेस कांफ्रेंस में उनसे जब यही सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा "बस कुछ और समय दीजिए.''
इसके थोड़ी देर बाद बांदा से खबर आयी कि विधायक ने अपने को पुलिस के हवाले कर दिया है.

कड़ी आलोचना

विपक्षी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रीता जोशी ने एक बयान में कहा है कि सरकार ने विपक्ष और मीडिया के भारी दबाव पर विधायक को तो गिरफ़्तार किया है लेकिन पीड़ित युवती पर चोरी का झूठा मुकदमा खत्म नही किया.
इस बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात में कहा है कि एक नाबालिग और बलात्कार की शिकार युवती को जेल में बंद करना न्याय का मखौल है.
इस मामले में विपक्ष बंद के पुलिस अधीक्षक पर भी कार्यवाही मांग कर रहा है. पुलिस अधीक्षक अनिल दास पीड़ित युवती से मिलने जेल गए थे और आरोप है कि उन्होंने युवती पर बलात्कार का मामला दर्ज न कराने का दबाव डाला.
नियमानुसार पुलिस अधिकारी अदालत की अनुमति के बिना जेल में बंद अभियुक्त से नही मिल सकता.
पुलिस अधीक्षक पर यह भी आरोप है कि वह विधायक की मदद कर रहे थे इसीलिए युवती के परिवार की ओर से बलात्कार का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने एक बयान में कहा है कि विधायक का आत्मसमर्पण नाकाफी है.
पाठक का कहना है कि चूँकि इस मामले में पुलिस अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध है इसलिए उनके ख़िलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए.

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